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डिप्लोमा इन करप्शन …….जनहित पर भारी

बेबाक 'बकबक'....जारी है..
बेबाक 'बकबक'....जारी है..
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gक्या आपके पास ’डिप्लोमा इन करप्शन मैनेजमंेट’ है? अगर है तो आओ ’हाथ’ का
’आशीर्वाद’ ले लो। अरे आशीर्वाद मतलब है,मालामाल होना। इसके लिए पहले
मनमोहन जी की तरह ’म्यूट’ होना सीखो। कुछ भी हो जाए लेकिन जुबान नहीं
हिलनी चाहिए। वर्ना कट सकती है।
पंजे के ’उंगलिया’ं बनने के लिए यह योग्यता अनिवार्य है। साथ ही अगर आप
विवादित बयान दे सकते हैं,तो और भी अच्छा। हां,हां वही अपने जायसवाल
,बेनी,जयराम और दिग्विजय की तरह। ये सब आपमें है,तभी केवल आपको घी
मिलेगा। फिर चाहे आप उसमे केवल उंगलियां डालें या फिर पूरा ’हाथ’। तब यह
आपके ’हाथ’ में होगा।
अब आप गरीबी के मनचाहेे मानक तय कर सकते हैं। विदेशी दुकानें खुलवा सकते
हैं। इसके लिए आपको गरीबी मिटाने के बजाय, गरीब मिटाने आने चाहिए। फिर
जितने चाहें उतने कानून बनाइये। क्या फर्क पड़ता है? अरे! आप कानून के
निर्माता हैं ।फिर भला आप पर कानून कैसे लागू हो सकता है ?इसका मतलब
कानून बनाकर उसकी धज्जियां उड़ानी आना चाहिए।जैसे अपने खुर्शीद साहब करते
आए हैं।
वैसे इस डिप्लोमा की विस्तृत जानकारी के लिए आप ए.राजा,सुरेश कलमाड़ी या
फिर कनिमोझी सरीखे माहिर डिप्लोमा धारकों से सम्पर्क कर सकते हैं।
इसके अलावा आप को घोटालों के करने के तरीके आने चाहिए। घोटालों के नाम
ऐसे रखना आना चाहिए कि हर कोई इसको ’जी’ से सम्मानित करने पर ’मजबूर’ हो
जाएं। जैसे 2’जी’ ,सी डब्लू ’जी’ और जीजा ’जी’ आदि।इनमें से जितनी ज्यादा
योग्यताएं आपके पास होंगी,आप पंजे के उतनी ही बड़ी उंगली बन सकते हैं।
खास बात यह है इस डिप्लोमा को करने के लिए आपको किसी भी तरह का कोई भी
फार्म नहीं भरना है। बस हुनर दिखाओ ,जगह पाओ।
और हां!ं अब यह मत पूछना कि यह प्रशिक्षण किस संस्थान से होता है? इसके
लिए वैसे कोई विशेष संस्थान अभी तक अधिकृत नहीं है। आपको आप ही ढूंढना
होगा,मेरी तरह। मिल जाए तो हमें भी बताइयेगा………प्लीज।
हे राम! क्या होगा इस देश का? बड़ी दयनीय स्थिति हो गयी है।इसकी नाव
डूबने से कौन बचाएगा?कहीं ये फिर से किसी का गुलाम तो नहीं बन जाएगा? इन
घोटालेबाजों को कौन सबक सिखएगा?देश का मुखिया कब मौन व्रत तोड़ेगा?
ये सारे सवाल मेरे जेहन में आते हैं जब देश की दशा और दिशा के बारे में
ख्याल करता हूं। मगर आज तक ये सवाल महच सवाल बन कर ही मेरे अंदर बसे हुए
हैं। है कोई ऐसा जो इनका जवाब दे सके ?

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