बेबाक 'बकबक'....जारी है..
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नहीं लगता कोई अपना आजकल,
सबका मन हुआ अपना आजकल ।
पराये हो जाते हैं मां-बाप भी अब,
घर में दुल्हन के आने से आजकल ।
जन्म दिया, पालन पोषण किया ये,
सब करते हैं कहते बच्चे आजकल ।
सब कुछ करो आप, मन की करने दो,
बस उम्मीद मत करो कहते आजकल ।
रूसवाई से डरे जमाने में कुछ न कहा,
हर घर के हालात एक से हैं आजकल ।
बुजुर्गों की नसीहतें बुरी लगती हैं जबसे,
कुछ भी कहने से डरते हैं यह आजकल ।
दौर मुश्किल है, हर रिश्तें में फासला है,
काम से वक्त नहीं मिलता बस आजकल ।
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