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शशि थरूर, सुनंदा पुष्‍कर और मोदी की तारीफ

बेबाक 'बकबक'....जारी है..
बेबाक 'बकबक'....जारी है..
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आइये जरा पीछे चलते हैं। सुनंदा पुष्‍कर, मेहर तरार और शशि थरूर का त्रिकोणीय प्रेमजाल। यह प्रेमजाल इतना उलझ गया कि जिसे दोबारा सुलझा पाना इन तीनों के लिए मुश्किल था। लेकिन कोई न कोई हल तो निकालना ही था। ऐसे में किसी एक को रास्‍ते से हटना पड़े या हटाना पड़े, यही दो विकल्‍प बचे थे। इसी बीच रिश्‍तों के अजीब तानेबाने से घ्रिरे इन रिश्‍तों की कहानी में सुनंदा पुष्‍कर की मौत की खबर आती है। पहली नजर में इसे सुसाइड का रूप देने का प्रयास किया जाता है और काफी हद तक ऐसा चाहने वाले/वाली के मंसूबे कामयाब भी हो जाते हैं। सोशल मीडिया से लेकर जमीनी लोगों के बीच संवेदनाओं की गुफ्तगू शुरू हो जाती है। लेकिन कुछ लोग इनमें ऐसे भी थे जो इस पूरे मामले को अभी भी शक की नजर से देखते थे। उन्‍हें सुनंदा की आकस्‍मिक मौत कुछ हजम नहीं हो रही थी।

मीडिया खबर को पाकिस्‍तानी खबरनवीस मेहर तरार से जोड़कर परोस रही थी। ऐसे में शक की सुई तब और तन गई जब सुनंदा की करीबी व सीनियर जर्नलिस्‍ट नलिनी सिंह ने एक खुलासा किया। उन्‍होंने खुलासे में एक ऐसी अहम बात कही जिससे इस मौत की कहानी को अंजाम देकर उसपर पर्दा डालने की कोशिश की। पर्दा डालने वालों का पर्दाफाश करता यह आरोप था कि शशि थरूर अपनी पत्‍नी सुनंदा पुष्‍कर को तलाक देकर मेहर तरार से बंधन जोड़ना चाहते थे। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक सुनंदा की मौत से पहले शशि थरूर और मेहर तरार दोनों दुबई में मिले थे। इस मुलाकात को लेकर सुनंदा काफी परेशान थी। थरूर और मेहर दुबई में तीन दिन तक एक साथ रहे थे। सुनंदा ने इस परेशानी को लेकर अपने करीबी लोगों से भी चर्चा की थी। थरूर और पाक महिला पत्रकार भारत में होने वाले आम चुनाव के बाद शादी करने वाले थे।

लेकिन, सुनंदा की मौत के बाद मामला गड़बड़ हो गया। सुनंदा के कुछ नजदीकी लोगों और दोस्तों ने इस मामले में अहम बयान दिए थे। मरने से एक दिन पहले सुनंदा ने अपनी दोस्त नलिनी सिंह को फोन पर बताया कि शशि थरूर का इरादा मेहर तरार से शादी करने का है। दोनों की शादी 2014 के आम चुनाव के बाद होने वाली थी। सुनंदा ने नलिनी सिंह से कहा था कि उसने तरार और थरूर के बीच एक मैसेज ऐसा भी देखा है जिसमे तरार ने कहा था कि वह अब थरूर के बिना नहीं रह सकती। सुनंदा ने यह भी कहा था कि थरूर ने अपने बीबीएम मोबाइल से संदेश भी डिलीट किए थे। हालांकि, नलिनी ने थरूर पर सीधे-सीधे उंगली तो नहीं उठाई लेकिन उनके इस स्‍टेटमेंट ने इस पूर्व केंद्रीय मंत्री को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। सोशल मीडिया पर अच्‍छी खासी फैन फालोइंन वाले शशि थरूर को लोगों ने सामाजिक मानने से गुरेज किया और उनके खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

इसके बाद यह मामला फाइलों में सिमट गया और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने तक मौत की वजह का खुलासा होने का इंतजार करने को कहा गया। राजनीतिक और मीडिया के गलियारों से उपजी यह कहानी जा पहुंची न्‍यायालय। हाई प्रोफाइल केस होने व गजब का संस्‍पेंस होने के चलते हर कोई यह जानने को बेताब था कि आखिर दोषी कौन ?

हाल ही में आई पोस्‍टमाॅर्टम रिपोर्ट में साफ तौर पर यह जिक्र है कि सुनंदा की मौत की वजह जहर थी। इसरिपोर्ट के आने के बाद सुनंदा की मौत की गुत्‍थी और सुलझ गई है। सुनंदा के भाई अशोक कुमार ने हत्‍या की आशंका जताते हुए सरकार से सीबीआई जांच की मांग की है। अशोक ने सुनंदा की मौत में शशि थरूर का हाथ होने की भी आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि सुनंदा, शशि थरूर के पाकिस्तानी पत्रकार से रिश्ते के चलते काफी परेशान थी। वहीं इस बाबत दिल्ली पुलिस कमिश्नर का कहना है कि सुनंदा की मौत सामान्य थी। उन्होंने कहा कि सुनंदा पुष्कर के मौत के सबूत निर्णायक नहीं हैं और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सुनंदा की मौत की वजह जहर खाना बताया गया है। उन्होंने कहा कि सुनंदा मामले के सच को उजागर करने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास करेगी।

वहीं भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि सुनंदा के गाल पर अंगूठे के गहरे निशान थे। जिसे देखने से साफ लग रहा है कि किसी ने उनके गालों को दबाकर जबरदस्ती मुंह में जहर डालने की कोशिश की हो। स्वामी ने भी मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। दस दिन बाद आयी सुनंदा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई ऐेसे तथ्य सामने आये हैं जो चौकाने वाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सुनंदा की मौत जहर से हुई है। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर का शव दिल्ली के होटल लीला से बरामद किया गया था। पाकिस्तान की एक पत्रकार मेहर तरार पर सुनंदा ने अपने पति से अफेयर का शक जताया था। हालांकि बाद में सुनंदा और शशि थरूर की तरफ से बयान आया था कि उन दोनों के बीच सब ठीक है और वे सुखी वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं।

इन सभी पहलुओं के बीच की एक कड़ी हैं नरेंद्र मोदी। हाल ही में उन्‍होंने स्‍वच्‍छ भारत अ‍भियान के तहत जिन नौ रत्‍नों को चुना उनमें से एक नाम शशि थरूर का भी था। इस नाम को सुनते ही न सिर्फ कांग्रेस खेमे में हलचल मची बल्कि एक आंख से इस केस को और दूसरी आंख से मोदी को देखने वालों को भी एक धुंधली सी तस्‍वीर नजर आने लगी। यह तस्‍वीर थी मोदी और थरूर की सांठगांठ की। इसे बल दिया थरूर के उस बयान ने जो उन्‍होंने हाल ही में मोदी के पक्ष में दिया। उन्‍होंने मोदी के अभियान की तारीफ की थी जबकि वह तब कांग्रेस के प्रवक्‍ता थे। एक प्रवक्‍ता का किसी विरोधी पार्टी का गुणगान करना सबको चौंका गया। कांग्रेस ने तत्‍काल प्रभाव से उन्‍हें इस पद से हटाए जाने की मांग की और इस पर सोनिया गांधी ने सहमति भी जता दी। थरूर को प्रवक्‍ता पद से हटा दिया गया।
लेकिन अब आगे की थरूर स्‍टोरी जरूर रोमांचक होने वाली है। राजनीति, मीडिया और सियासी दांवपेंचों के कॉकटेल में न जाने क्‍यों ऐसा लग रहा है कि थरूर मोदी की शह लेना चाह रहे हैं। खुद को सुनंदा केस से बचाने के लिए। अपनी सोशल इमेज बचाने के लिए। ऐसे में इस बात से भी गुरेज नहीं किया जा सकता कि जल्‍द ही थरूर भाजपा में आने का एेलान कर दें। अगर ऐसा हुआ तो सियासत एक बार फिर हावी हो जाएगी, एक नये रंग रूप के साथ।

प्रवीण दीक्षित
9044060578

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